मेरु मंदर पुराण | Meru Mandar Puran के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मेरु मंदर पुराण है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Vaman Muni | Shri Vaman Muni की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Vaman Muni | इस पुस्तक का कुल साइज 27.58 MB है | पुस्तक में कुल 564 पृष्ठ हैं |नीचे मेरु मंदर पुराण का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मेरु मंदर पुराण पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Meru Mandar Puran | This Book is written by Shri Vaman Muni | To Read and Download More Books written by Shri Vaman Muni in Hindi, Please Click : Shri Vaman Muni | The size of this book is 27.58 MB | This Book has 564 Pages | The Download link of the book "Meru Mandar Puran " is given above, you can downlaod Meru Mandar Puran from the above link for free | Meru Mandar Puran is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
यह ग्रन्थ मेरु मदर पुराण श्री वामनमूनि के द्वारा रचा गया है । इस ग्रंथ मे जन्म-स्थान नाम आदि का परिचये उन्होने स्वयं कुछ नही दिया है । ग्रादि अगस्त्पर मुनि के शिष्य एक अन्य वामन मुनि हो गये हैं। और इनके शिष्य अन्य है । परन्तु इस ग्रंथ के कर्ता वामन मुनि अन्य मालूम पड़ते है । दूसरे एक वामनमुनि अलकार शास्त्र आदि के चयिता अन्य थे। दूसरे ग्रय मे-एलाचार्य कु दकु द के नाम से वामन मुनि का भी उल्लेख पाया जाता है । इसलिये इस मेरु मदर के रचयिता अन्य कोई वामन मुनि हैं, इसमे कोई सदेह नहीं है । इस ग्रन्थ के कर्ता के रचित ग्रन्थ और इनकी रचना शैली के मनन करने से मालूम होता है कि ये मस्कृत के महान् प्रकाण्ड विद्वान थे ।