मुद्रा की रुपरेखा | Mudra Ki Ruprekha के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मुद्रा की रुपरेखा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Mulchand Vaishya | Mulchand Vaishya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Mulchand Vaishya | इस पुस्तक का कुल साइज 113.8 MB है | पुस्तक में कुल 666 पृष्ठ हैं |नीचे मुद्रा की रुपरेखा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मुद्रा की रुपरेखा पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Mudra Ki Ruprekha | This Book is written by Mulchand Vaishya | To Read and Download More Books written by Mulchand Vaishya in Hindi, Please Click : Mulchand Vaishya | The size of this book is 113.8 MB | This Book has 666 Pages | The Download link of the book "Mudra Ki Ruprekha " is given above, you can downlaod Mudra Ki Ruprekha from the above link for free | Mudra Ki Ruprekha is posted under following categories history |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
मनुष्य सदैव उन वस्तुओं की खोज करने में व्यस्त में रहा है जो उसके जीवन को सुखी बना सकती हैं। मुद्रा के आविष्कार और विकास का इतिहास प्रारम्भिक मनुष्य की उन मानसिक शक्तियों का जिनकी सहायता से वह उन वस्तुओं का भी उपभोग करने में सफल सिद्ध हुआ था जो उसने स्वयं उत्पन्न नहीं की थीं, एक रोचक अध्ययन प्रस्तुत करता है । मुद्रा का आविष्कार मानव जाति के सम्पूर्ण आर्थिक इतिहास में एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण घटना है। वास्तव में मुद्रा के विकास का इतिहास ‘मानव सभ्यता के इतिहास का संग्रह है।