नगनंदा : विधुश्र्खारा भट्टाचार्य | Nagananda : Vidhushrkhara Bhattacharya के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : नगनंदा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vidhushrkhara Bhattacharya | Vidhushrkhara Bhattacharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Vidhushrkhara Bhattacharya | इस पुस्तक का कुल साइज 8.7MB है | पुस्तक में कुल 278 पृष्ठ हैं |नीचे नगनंदा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | नगनंदा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry
Name of the Book is : Nagananda | This Book is written by Vidhushrkhara Bhattacharya | To Read and Download More Books written by Vidhushrkhara Bhattacharya in Hindi, Please Click : Vidhushrkhara Bhattacharya | The size of this book is 8.7MB | This Book has 278 Pages | The Download link of the book "Nagananda" is given above, you can downlaod Nagananda from the above link for free | Nagananda is posted under following categories Poetry |
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सतत ति गुरः मुले- सिर पूछः ।
घर- शित करा क्रियान् इक एषः अस्त जतः
अणि छायः ॥ निद्राबुदाणधणतिरबगनि फ्यलोणावयास
अमापूरैकर्नवनिकरौशिलावियाः । वृह' शि प्रसतुतिसरप्राप्तेष गच्छ
क' छायो किमान पर तकरणात वा श्यामः ॥ १६॥ 11[८ ८ ८९1]
[ भिन्नाः ।।[वतोश्रोहः ॥]