पडोशी देशो में | Padousi Deshon Me के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : पडोशी देशो में है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Yashpal Jain | Yashpal Jain की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Yashpal Jain | इस पुस्तक का कुल साइज 13.19 है | पुस्तक में कुल 370 पृष्ठ हैं |नीचे पडोशी देशो में का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पडोशी देशो में पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Padousi Deshon Me | This Book is written by Yashpal Jain | To Read and Download More Books written by Yashpal Jain in Hindi, Please Click : Yashpal Jain | The size of this book is 13.19 | This Book has 370 Pages | The Download link of the book "Padousi Deshon Me " is given above, you can downlaod Padousi Deshon Me from the above link for free | Padousi Deshon Me is posted under following categories literature |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
प्रधान पगोडा का नीचे का विशाल आकार ऊपर की ओर कम होता जाता है, यहातक कि ऊपर जाकर वह औंधे कमल के रूप में परिवर्तित हो जाता है । अनन्तर वह केले के फल की आकृति मे ऊपर वढता है और अन्त मे कमल-दल के आकार में बहुत ही पतला हो जाता है। उसके ऊपर महाराज मिण्डोन का बनवाया लाखो की लागत का मुविख्यात स्वर्णछत्र है जो ३३ फुट ऊचा है। उसकी चोटी पर एक स्वर्ण पतका लगी है जिसके चारो ओर सोने-चादी की घटिया हुवा के स्पर्श मे झर घडी मधुर मगीत सुनाती रहती हैं ।