पर्युषण प्रवचन | Paryushan Pravachan

पर्युषण प्रवचन | Paryushan Pravachan

पर्युषण प्रवचन | Paryushan Pravachan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पर्युषण प्रवचन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Amarchandra Ji Maharaj | Amarchandra Ji Maharaj की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 8.6 MB है | पुस्तक में कुल 250 पृष्ठ हैं |नीचे पर्युषण प्रवचन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पर्युषण प्रवचन पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry

Name of the Book is : Paryushan Pravachan | This Book is written by Amarchandra Ji Maharaj | To Read and Download More Books written by Amarchandra Ji Maharaj in Hindi, Please Click : | The size of this book is 8.6 MB | This Book has 250 Pages | The Download link of the book "Paryushan Pravachan" is given above, you can downlaod Paryushan Pravachan from the above link for free | Paryushan Pravachan is posted under following categories Poetry |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 8.6 MB
कुल पृष्ठ : 250

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

कवि जी भी अपने श्रोताओं से कभी-कभी यही बात कहते हैं, कि मेरे पास मुनाने के लिए नया कुछ भी नहीं है। फिर भी लोग कवि जी को मुनना क्यो पसन्द करते है उनकी वाणी मे ऐसा क्या जादू है कवि जी को सुनने के लिए नोग दूर-दूर से क्यों आते हैं ? बात पुरानी हो अथवा नयी किन्तु सुनाने की कला उसमे जादू पैदा कर देती हैं, सुनने वाले को मुग्ध कर देती है। कवि जी के प्रवचनो मे कुछ ऐसा ही प्रभाव और चमत्कार मिलता है, कि सामान्य बात को भी वे बड़े विलक्षण ढग से और अपनी अदभुत शैली से अभिव्यक्त करते हैं ।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *