पहली किरण दिव्य देन | Pheli Kiran Divya Den के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : पहली किरण दिव्य देन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Jawahar Lal Ji | Jawahar Lal Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Jawahar Lal Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 11.4 MB है | पुस्तक में कुल 399 पृष्ठ हैं |नीचे पहली किरण दिव्य देन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पहली किरण दिव्य देन पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Pheli Kiran Divya Den | This Book is written by Jawahar Lal Ji | To Read and Download More Books written by Jawahar Lal Ji in Hindi, Please Click : Jawahar Lal Ji | The size of this book is 11.4 MB | This Book has 399 Pages | The Download link of the book "Pheli Kiran Divya Den" is given above, you can downlaod Pheli Kiran Divya Den from the above link for free | Pheli Kiran Divya Den is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
खुद के जीवन को सफल बनाना और दूसरों का जीवन-निर्माण करना इन दोनों में काफी अन्तर है। जगत् में आत्म-साधन और आत्मध्यान करने वाले और उसी में तल्लीन रहने वाले निवत्तक साधु-पुरुष कम नहीं हैं लेकिन शास्त्रविहित निवृत्ति-धर्म के आचार-नियमों को यथाविधि पालन करने के साथ साथ जन-समाज का जीवन-निर्माण करना, जन को ज्ञान और चारित्र का शक्ति-दान देकर जैन’ बनाना और मानव-समाज को सद्धर्म का मर्म शास्त्ररीति तथा विज्ञान-नीति के द्वारा युक्ति-प्रयुक्ति पूर्वक समझा कर धर्मनिष्ठ बनाना-आदि धर्ममूलक सत्प्रवृत्तियाँ करने वाले साधुपुरुष-महात्मा विरले ही होते हैं।