प्रकृति और हिन्दी काव्य | Prakrti Aur Hindi Kavya के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्रकृति और हिन्दी काव्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rabhuvansh | Rabhuvansh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Rabhuvansh | इस पुस्तक का कुल साइज 39.5 MB है | पुस्तक में कुल 545 पृष्ठ हैं |नीचे प्रकृति और हिन्दी काव्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रकृति और हिन्दी काव्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Prakrti Aur Hindi Kavya | This Book is written by Rabhuvansh | To Read and Download More Books written by Rabhuvansh in Hindi, Please Click : Rabhuvansh | The size of this book is 39.5 MB | This Book has 545 Pages | The Download link of the book "Prakrti Aur Hindi Kavya" is given above, you can downlaod Prakrti Aur Hindi Kavya from the above link for free | Prakrti Aur Hindi Kavya is posted under following categories literature |
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यह विषय इस रूप में नहीं रहा है। जब हमको हिन्दी साहित्य के भक्ति तथा रीति कालों को लेकर इस विषय पर खोज करने का अवसर मिला, उस समय भी विषय को प्रचलित अर्थ में नहीं स्वीकार किया गया है। हमने विषय को काव्य में प्रकृति संबन्धी अभिव्यक्ति तक ही सीमित नहीं रखा है। काव्य को कवि से अलग नहीं किया जा सकता, और कवि के साथ उसकी समस्त परिस्थिति। को स्वीकार करना होगा । यही कारण है कि यहाँ प्रकृति और काम्य का संबन्ध कवि की अनुभूति तथा अभिव्यक्ति दोनों के विचार से समझने का प्रयास किया गया है, साथ ही काव्य की रसात्मक प्रभावशीलता को भी दृष्टि में रखा गया है। विषय की इस विस्तृत सीमा में प्रकृति और काव्य संबन्धी अनेक प्रश्न सन्निहित हो गए हैं।