राजस्थान पुरातन ग्रंथमाला खंड 31 | Rajasthan Puratan Granthmala Part 31 के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : राजस्थान पुरातन ग्रंथमाला खंड 31 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Achary Jinvijay Muni | Achary Jinvijay Muni की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Achary Jinvijay Muni | इस पुस्तक का कुल साइज 8.93 MB है | पुस्तक में कुल 108 पृष्ठ हैं |नीचे राजस्थान पुरातन ग्रंथमाला खंड 31 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | राजस्थान पुरातन ग्रंथमाला खंड 31 पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Rajasthan Puratan Granthmala Part 31 | This Book is written by Achary Jinvijay Muni | To Read and Download More Books written by Achary Jinvijay Muni in Hindi, Please Click : Achary Jinvijay Muni | The size of this book is 8.93 MB | This Book has 108 Pages | The Download link of the book "Rajasthan Puratan Granthmala Part 31 " is given above, you can downlaod Rajasthan Puratan Granthmala Part 31 from the above link for free | Rajasthan Puratan Granthmala Part 31 is posted under following categories literature |
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बम्बई के शिक्षा-विभाग ने राजस्थान और मध्य भारत में प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथ-भंडारों की खोज के लिए सन् १९०४-०५ ई० में एलफिस्टन कॉलेज, बम्बई के प्रोफेसर श्रीधर रामकृष्ण भंडारकर को प्रज्ञा प्रदान की । तदनुसार वे सन् १९०५ और १९०६ ई० के आरंभ में अपने दौरे पर निकले और कार्य पूरा होने पर शिक्षा विभाग को उन्होंने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। वह मूल रिपोर्ट अंग्रेजी में सन् १९०७ में प्रकाशित हुई थी। सरकार की ओर से हस्तलिखित ग्रंथों की खोज के प्रसंग में यह दूसरी यात्रा थी।