राजनारायण मिश्र की आत्म कथा | Rajnarayan Mishr Ki Aatmkatha

राजनारायण मिश्र की आत्म कथा | Rajnarayan Mishr Ki Aatmkatha

राजनारायण मिश्र की आत्म कथा | Rajnarayan Mishr Ki Aatmkatha के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : राजनारायण मिश्र की आत्म कथा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rajnarayan Mishra | Rajnarayan Mishra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1 MB है | पुस्तक में कुल 88 पृष्ठ हैं |नीचे राजनारायण मिश्र की आत्म कथा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | राजनारायण मिश्र की आत्म कथा पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

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पुस्तक का साइज : 1 MB
कुल पृष्ठ : 88

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नजरबन्दी के दौरान में ही मैं सन १९४३ की १६ वीं जुलाई को लखनऊपारायंकी पयंत्र के सम्बन्ध में फतेहगढ़ सेन्ट्रल जेल से रिश्ता जैल खनऊ साया गया। यहीं पर मेरा शहीद राजनारायण मिश्र से, अप्रत्यक्ष रूप से, पत्रों द्वारा परिचय हुआ। मेरे पहले राजनारायण जी का और जोगेश चटर्जी का पत्र व्यवहार होता था; विन्तु मेरे आने पर चटर्जी के स्थान पर मुक से होने वा और अंसी के तीन घंटे पहले तक यह सिलसिला जारी हो । उनले पत्रों की मुख्य २ पत्र-पतिशिपिं जीवन में दी हुई है। उनके पन्न मेरे पास निधि के रूप में हैं।

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