रंगभूमि | Rangbhumi

रंगभूमि | Rangbhumi

रंगभूमि | Rangbhumi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : रंगभूमि है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Munshi Premchand | Munshi Premchand की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 56.85 MB है | पुस्तक में कुल 573 पृष्ठ हैं |नीचे रंगभूमि का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | रंगभूमि पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Rangbhumi | This Book is written by Munshi Premchand | To Read and Download More Books written by Munshi Premchand in Hindi, Please Click : | The size of this book is 56.85 MB | This Book has 573 Pages | The Download link of the book "Rangbhumi " is given above, you can downlaod Rangbhumi from the above link for free | Rangbhumi is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 56.85 MB
कुल पृष्ठ : 573

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

गोदाम के पीछे की ओर एक विस्तृत मैदान था । यहाँ आस-पास के जानवर पर भाया करते थे । जन सेवक यह ज़मीन लेकर यहाँ सिगरेट बनाने का एक कारखाना खोलना चाहते थे । प्रभु सेवक को इसी व्यवसाय की शिक्षा प्राप्त करने के लिए अमेरिका भेजा था। जॉन सेवक के साथ प्रभु सेवक और उनकी माता भी जमीन देखने ली पिता और पुत्र ने मिलकर जमीन का विस्तार नापा कहाँ कारखाना होगा, कहाँ गोदा, कहाँ दतर, कहाँ मैनेजर का बैंगला, कहाँ अमजीवियों के कमरे, कहाँ कोयला रखने की जगार और फों से पानी आयेगा, इन विषयों पर दोनों आदमियों में देर राफ बातें होती रहीं ।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.