समाज-विज्ञान | Samaj Vigyan
समाज-विज्ञान | Samaj Vigyan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : समाज-विज्ञान है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Chandraraj Bhandari | Chandraraj Bhandari की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Chandraraj Bhandari | इस पुस्तक का कुल साइज 66.9 MB है | पुस्तक में कुल 577 पृष्ठ हैं |नीचे समाज-विज्ञान का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | समाज-विज्ञान पुस्तक की श्रेणियां हैं : society
Name of the Book is : Samaj Vigyan | This Book is written by Chandraraj Bhandari | To Read and Download More Books written by Chandraraj Bhandari in Hindi, Please Click : Chandraraj Bhandari | The size of this book is 66.9 MB | This Book has 577 Pages | The Download link of the book "Samaj Vigyan" is given above, you can downlaod Samaj Vigyan from the above link for free | Samaj Vigyan is posted under following categories society |
Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
मैं एक ऐसा समाज देख रही हैं, जिसमें दासत्व का अस्तित्व | नहीं है, जिसमें प्रत्येक मनुष्य स्वाधीनता और आनन्द के साथ
विचरण कर रहा है, जहाँ विज्ञान के द्वारा प्राकृतिक शक्तियां बांध | ली गई हैं; ज्योति और विद्यत, वायु और तरंग, सर्दी, और गर्मी
एवं पृथ्वी तथा वायुमण्डल की सभी सूक्ष्म और गुप्त शक्तियां मनुष्य जाति की आज्ञाधारक दासियां बन गई हैं। मैं एक ऐसा समाज देख रहा हूँ, जिसमें स्वर्णमय सिंहासन चकनाचूर पड़े हुए हैं और अत्याचारी तथा निरंकुश शासक खाक में मिल गये हैं। मैं देखता हूँ कि अलस्यमय सत्ताबाद संसार से उठ चुका है।