सन सत्तावन के भूले बिसरे शहीद | San Sattavan Ke Bhule Bisre Shahid के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : सन सत्तावन के भूले बिसरे शहीद है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Usha Chandra | Usha Chandra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Usha Chandra | इस पुस्तक का कुल साइज 03.0 MB है | पुस्तक में कुल 116 पृष्ठ हैं |नीचे सन सत्तावन के भूले बिसरे शहीद का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सन सत्तावन के भूले बिसरे शहीद पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : San Sattavan Ke Bhule Bisre Shahid | This Book is written by Usha Chandra | To Read and Download More Books written by Usha Chandra in Hindi, Please Click : Usha Chandra | The size of this book is 03.0 MB | This Book has 116 Pages | The Download link of the book "San Sattavan Ke Bhule Bisre Shahid" is given above, you can downlaod San Sattavan Ke Bhule Bisre Shahid from the above link for free | San Sattavan Ke Bhule Bisre Shahid is posted under following categories history |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
1857 की जन-जाति में योगी, फकीर, दूत, सदेशवाहक स्थान स्थान पर जाकर हाति मी अलख जगा रहे थे। मौलवी अहमदशाह राजनैतिक सन्यासी थे । उनके साथ पताका और नक्कारा रहे थे। उनके शब्दों को सुनकर लोगो के हृदय में उत्साह भर उठता था और वे दृढ संकल्प कर लेते थे कि देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर देंगे। बाजादा फिर हा दिल्ली के शाही परिवार से संबंध में परन्तु उन्होंने छोटी सी आयु में ही देश के लिए फकीरो के से वस्त्र धारण किये पीर के मैप में सफेद घोड़े पर बैठकर,|