शेर ओ सुखन भाग 3 | Sher O Sukhan Bhag 3 के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : शेर ओ सुखन भाग 3 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ayodhya Prasad Goyaliya | Ayodhya Prasad Goyaliya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Ayodhya Prasad Goyaliya | इस पुस्तक का कुल साइज 5.53 MB है | पुस्तक में कुल 222 पृष्ठ हैं |नीचे शेर ओ सुखन भाग 3 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | शेर ओ सुखन भाग 3 पुस्तक की श्रेणियां हैं : Biography
Name of the Book is : Sher O Sukhan Bhag 3 | This Book is written by Ayodhya Prasad Goyaliya | To Read and Download More Books written by Ayodhya Prasad Goyaliya in Hindi, Please Click : Ayodhya Prasad Goyaliya | The size of this book is 5.53 MB | This Book has 222 Pages | The Download link of the book "Sher O Sukhan Bhag 3 " is given above, you can downlaod Sher O Sukhan Bhag 3 from the above link for free | Sher O Sukhan Bhag 3 is posted under following categories Biography |
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रवान बहादुर नवाब सैयद अलीमुहम्मद ‘शाद' १८४६ ई०मे उत्पन्न हुए और १९२७ ई०मे समाधि पाई। नियाज फतेहपुरीके शब्दोमे"शाद ब-लिहाज़ तगज्जुल बडे मर्तबेके शायर थे। उनके यहाँ मीर-ओदर्दका गुदाज, मोमिनकी नुक्तासजी, गालिबकी बुलन्द परवाणी और अमीर-ओ-दागकी सलासत सब एक ही वक्तमे ऐसी मिली-जुली नजर आती है कि अव जमाना मुश्किलसे ही कोई दूसरी नजीर पेश कर सकेगा।" ‘शाद' अजीमाबाद (पटना सिटी) के रहनेवाले थे। वे ख्वाजा मीर 'दर्द'की शिष्यपरम्परामे हुए है। अतः आपके कलाममे भी वही असर नजर आता है। कहीं-कही तत्कालीन लखनवी रगकी भी झलक मारती है। आप मीर ‘अनीस से भी काफी प्रभावित नजर आते है। शाद देहलवी-लखनऊ ज़वानके कायल नही थे। यही कारण है कि उनके कलाममे यत्र-तत्र मुहावरो और शब्दोका प्रयोग उक्त स्थानोकी परम्परासे भिन्न हुआ है।