सुलभ वस्तुशास्त्र | Sulabh Vastu Shastra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : सुलभ वस्तुशास्त्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Raghunath Sripad Deshpande | Raghunath Sripad Deshpande की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Raghunath Sripad Deshpande | इस पुस्तक का कुल साइज 08.33 MB है | पुस्तक में कुल 460 पृष्ठ हैं |नीचे सुलभ वस्तुशास्त्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सुलभ वस्तुशास्त्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge
Name of the Book is : Sulabh Vastu Shastra | This Book is written by Raghunath Sripad Deshpande | To Read and Download More Books written by Raghunath Sripad Deshpande in Hindi, Please Click : Raghunath Sripad Deshpande | The size of this book is 08.33 MB | This Book has 460 Pages | The Download link of the book "Sulabh Vastu Shastra " is given above, you can downlaod Sulabh Vastu Shastra from the above link for free | Sulabh Vastu Shastra is posted under following categories Knowledge |
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१५ आगे चलकर यदि कोई मन्निल घनघोका विचार हो तो आरम्भमेही कुछ अधिक व्ययकर छत पर छप्पर गपा देना चाहिये । जिसमें जिस समय मञ्जिलको निर्माण करना हो उस समय एकवार किया हुआ काम व्यर्थ नहीं जायगा । ड्रतका प्रष्ट भाग मजिल्फी सतह,-भूभाग-फर्श बन जायगी,और यराम निकालनेसे दीयाले हो जायेंगी । इसके विपरीत कार्य करने से एक बार पढ़ाया हुश्री छप्पर सफर यात मञ्जिल बनानेका पियार फिया जाय तो सारीकी सारी ममदूरी हो यर्थ जाती है। माथही साय आरम्भमें लगे हुए माल को १० प्रतिशत माग भी हाथ नहीं होगता ।