स्वप्न-विज्ञान | Swapna Vigyan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : स्वप्न-विज्ञान है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Girindra Shekhar | Dr. Girindra Shekhar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dr. Girindra Shekhar | इस पुस्तक का कुल साइज 4.2 MB है | पुस्तक में कुल 118 पृष्ठ हैं |नीचे स्वप्न-विज्ञान का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | स्वप्न-विज्ञान पुस्तक की श्रेणियां हैं : manovigyan
Name of the Book is : Swapna Vigyan | This Book is written by Dr. Girindra Shekhar | To Read and Download More Books written by Dr. Girindra Shekhar in Hindi, Please Click : Dr. Girindra Shekhar | The size of this book is 4.2 MB | This Book has 118 Pages | The Download link of the book "Swapna Vigyan " is given above, you can downlaod Swapna Vigyan from the above link for free | Swapna Vigyan is posted under following categories manovigyan |
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पहले विद्वान् कहा करते थे कि स्वम अमूलक चिन्तामात्र है। आजकल के मनोवैज्ञानिक उसे छोड़ने वाले नहीं, वे अमूलक स्वप्न के मूल की खोज करने में लग कर मन के अज्ञात प्रदेश में जा घुसे है । चहाँ जाकर उन्होंने देखा कि इतने दिन तक सभ्य मानव-समाज यह सोचकर निश्चिन्त हो रहा था कि इसने बलवान प्रवृत्तियों को नष्ट कर दिया है, किन्तु नहीं, वे ही भीपण प्रवृतियाँ विज्ञान के अन्धकार में छिप कर मनुष्य को इस श्रेणी के स्वप्न और कार्यो की ओर प्रेरित करती हैं । स्वाधीन इच्छा का दम्भ वृथा है। मनुष्य प्रवृत्ति का दास है।