तंत्र विद्या का यथार्थ | Tantra Vidya Ka Yatharth

तंत्र विद्या का यथार्थ | Tantra Vidya Ka Yatharth

तंत्र विद्या का यथार्थ | Tantra Vidya Ka Yatharth के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : तंत्र विद्या का यथार्थ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pt. Durgaprasad Shukla | Pt. Durgaprasad Shukla की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 24.2 MB है | पुस्तक में कुल 184 पृष्ठ हैं |नीचे तंत्र विद्या का यथार्थ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | तंत्र विद्या का यथार्थ पुस्तक की श्रेणियां हैं : jyotish

Name of the Book is : Tantra Vidya Ka Yatharth | This Book is written by Pt. Durgaprasad Shukla | To Read and Download More Books written by Pt. Durgaprasad Shukla in Hindi, Please Click : | The size of this book is 24.2 MB | This Book has 184 Pages | The Download link of the book "Tantra Vidya Ka Yatharth" is given above, you can downlaod Tantra Vidya Ka Yatharth from the above link for free | Tantra Vidya Ka Yatharth is posted under following categories jyotish |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 24.2 MB
कुल पृष्ठ : 184

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ऐसे विज्ञापन कुछ समाचार-पत्रों में नियमित रूप से छपते हैं। उनके विज्ञापनकर्ता तांत्रिकों के दावों में कितनी सच्चाई है, इसे खोजने का दायित्व आज की पत्रकारिता का है। कुछ स्वयंसेवी संगठन भी इस कार्य में सहयोग बंटा सकते हैं। नागपुर की 'अंधविश्वास निर्मूलन समिति' ने ऐसा ही कार्य अपने हाथ में लिया है। समाचार-पत्रों के प्रबंधकों-संचालकों का भी विशेष दायित्व है कि वे कुछ आर्थिक लाभ के लोभ में ऐसे विज्ञापनों के प्रचार-प्रसार से बचें। समाचार-पत्रों की एक साख होती है और उसमें प्रकाशित होने वाले समाचारों-विचारों, का ही। नहीं, विज्ञापनों का भी जन-मानस पर प्रभाव पड़ता है।

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