उपसंहार | Upsanhar के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : उपसंहार है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Yogesh Gupta | Yogesh Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Yogesh Gupta | इस पुस्तक का कुल साइज 07.0 MB है | पुस्तक में कुल 218 पृष्ठ हैं |नीचे उपसंहार का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | उपसंहार पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Upsanhar | This Book is written by Yogesh Gupta | To Read and Download More Books written by Yogesh Gupta in Hindi, Please Click : Yogesh Gupta | The size of this book is 07.0 MB | This Book has 218 Pages | The Download link of the book "Upsanhar" is given above, you can downlaod Upsanhar from the above link for free | Upsanhar is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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सुबह के ग्यारह बजे सुधीर को उसके घर पहुंचना था। कुछ लेट हो गया था । बस से उतरकर घर की तरफ लपका। नज़र उस मोड़ पर थी जो उसके घर की तरफ मुड़ता था। गर्मी का मौसम, ग्यारह बजे की धूप थी। उंगलियां झुलसी जा रही थीं। अचानक उसे महसूस हुआ कि पैर के अंगूठे में कुछ हुआ है। ध्यान मोड़ पर से हटा कर उसने नीचे देखा। देख कर भौंचक रह गया अंगूठे पर से एक मोटी पापड़ी सड़क पर पड़े तार नै छील दी थी और अब पूरी चप्पल पर पैर के नीचे लहू ही लहू था। पैर वो चप्पल से बाहर निकालकर वह पल भर देखता रहा।