यह कब की बात है | Yeh Kab Ki Baat Hai

यह कब की बात है | Yeh Kab Ki Baat Hai

यह कब की बात है | Yeh Kab Ki Baat Hai के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : यह कब की बात है है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ch. MaalSingh | Ch. MaalSingh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 03.0 MB है | पुस्तक में कुल 246 पृष्ठ हैं |नीचे यह कब की बात है का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | यह कब की बात है पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

Name of the Book is : Yeh Kab Ki Baat Hai | This Book is written by Ch. MaalSingh | To Read and Download More Books written by Ch. MaalSingh in Hindi, Please Click : | The size of this book is 03.0 MB | This Book has 246 Pages | The Download link of the book "Yeh Kab Ki Baat Hai" is given above, you can downlaod Yeh Kab Ki Baat Hai from the above link for free | Yeh Kab Ki Baat Hai is posted under following categories history |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 03.0 MB
कुल पृष्ठ : 246

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

इस पुम्तन वा प्रथम अध्याय “विद्यालय की खोज में स्वयं ही चौ० मालसिंह ने ब्यक्तित्व का प्रारम्भिक इतिवृत्त है । एक छीट से गाव का 8 वष वा बानक तब अली मोहम्मद जुगै लोक हितकारी एवं समाज सेवी जकात के थानेदार से प्रारम्भिक अक्षर ज्ञान से लेकर बीस ता की गिनती सीखने के बाद स्वयं ही अपनी यग्यता में सौ तक गिनती मीख गया और नाम लिखने तथा पत्र पढ़ने लगा। तो उसकी विद्या प्राप्ति की उत्कृष्ट इच्छा ना प्रमाण तो , सामने प्रा ही गया इसी वा विद्यालय की वोज में यह बालक कहा-वहा भक , क्या-क्या नष्ट झले कितनी-कितनी गम ठण्डी झेनी, मैया क्या काम किये, किस किम को डिकिया फ्रकारे महे यह सब इस अध्याय को पढने पर मालूम हो जाएगा।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *