ज़िद्दी | Ziddi के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : ज़िद्दी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ismat Chugtai | Ismat Chugtai की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Ismat Chugtai | इस पुस्तक का कुल साइज 05.3 MB है | पुस्तक में कुल 144 पृष्ठ हैं |नीचे ज़िद्दी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | ज़िद्दी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Ziddi | This Book is written by Ismat Chugtai | To Read and Download More Books written by Ismat Chugtai in Hindi, Please Click : Ismat Chugtai | The size of this book is 05.3 MB | This Book has 144 Pages | The Download link of the book "Ziddi" is given above, you can downlaod Ziddi from the above link for free | Ziddi is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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पानी जान तोड़कर बरस रहा था। लगता था, आसमान में सूराख हो गये हैं। सच भी है, कब से तना खड़ा है! सड़-गलकर छेद हो जायें तो अचरज ही क्या कई रात बरसता रहा, और सुबह से बरस रहा था । ज़ोर-ज़ोर से, मानो कोई पूरी ताक़त से पानी के समुद्र भरभर धरती पर पटक रहा हो । कच्ची दीवारों के घर तो कभी के पानी के तमाच से बेदम होकर बैठ गये । छप्पर गीली दाढ़ियों की तरह बाँसों और बल्लियों से झूल पड़े और घरवाले पेड़ों के नीचे दुबक बैठे। पर पानी जैसे उनसे छेड़ कर रहा था। पेड़ भी कोई पत्थर के | सायबान तो नहीं थे कि पानी पत्तों को चीर-फाड़कर सिरों पर न । गिरता । जैसे कोई चुल्लू भर-भरकर पेड़ों के नीचे भी पानी उलीच रहा था। परनालों की चीख-पुकार से और भी होश गुम थे । और फिर रात आ रही थी । घटाटोप सियाही गाढ़ी होती जा रही थी। घर तेज़ी से लुढ़क रहे थे।