अमर वाणी | Amar Vani के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : अमर वाणी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 2.6 MB है | पुस्तक में कुल 272 पृष्ठ हैं |नीचे अमर वाणी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अमर वाणी पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu
Name of the Book is : Amar Vani | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 2.6 MB | This Book has 272 Pages | The Download link of the book "Amar Vani " is given above, you can downlaod Amar Vani from the above link for free | Amar Vani is posted under following categories dharm, hindu |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
‘अमरवाणी' वह धर्मग्रन्थ है जो जैन, बौद्ध श्रादि सम्प्रदायों में विभक्त नहीं हो सकता मानवता का वह सन्देश है जो किसी सॉचे में नहीं ढल सकता । वह साहित्य है जो वर्तमान धाराओं में परिगणित नहीं हो सकता । वह विन्दु है जो धारा बनकर वहना पसन्द नहीं करता। वृक्ष का वर स्कन्ध है जहाँ अनेक शाखायें अकुरित हो रही है। एक सन्त के मन में समय समय पर जो विचार आये “अमरवाणी' उन्हीं का संग्रह है। जो व्यक्ति पथ के अन्त तक दूसरे की अँगुली पकड कर चलना चाहते हैं, अपनी आँखों से कुछ काम नहीं ले सकते, उन्हें 'अमरवाणी' में अधूरापन प्रतीत होगा । किन्तु जो केवल मार्गदर्शन कीअपेक्षा रखते हैं, जो अँधेरे मे चलने के लिए केवल एक दीपक की कॉक्षा रखते हैं, उन्हे इसमे सब-कुछ मिल सकेगा।