बांसवाडा राज्य का इतिहास | Banswara Rajya Ka Itihas

बांसवाडा राज्य का इतिहास | Banswara Rajya Ka Itihas

बांसवाडा राज्य का इतिहास | Banswara Rajya Ka Itihas

बांसवाडा राज्य का इतिहास | Banswara Rajya Ka Itihas के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : बांसवाडा राज्य का इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ray Bahadur Gaurishankar Hirachand Ojha | Ray Bahadur Gaurishankar Hirachand Ojha की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 12.89 MB है | पुस्तक में कुल 318 पृष्ठ हैं |नीचे बांसवाडा राज्य का इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | बांसवाडा राज्य का इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, inspirational

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पुस्तक का साइज : 12.89 MB
कुल पृष्ठ : 318

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तेरहवी शताब्दी के मध्य में मेवाड के स्वामी सामंतसिंह ने वागड़ में जाकर गुहिल वंशी राज्य की स्थापना की। ई सं १५१८ के लगभग अनेक घटनाओं के परिणाम स्वरूप वागड राज्य के दो भाग हो गये, जिनमे से एक डूंगरपुर और दूसरा बांसवाड़ा राज्य के रूप में प्रसिद्ध हुए। दक्षिणी राजस्थान में ऐतिहासिक दृष्टि से बांसवाडा अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण माना जाता है। मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि पं. गौरीशंकर हीराचंद ओझा द्वारा ई. सन् १९३६ में लिखित ‘बासवाडा राज्य का इतिहास' पुनः प्रकाशित हो रहा है। कर्नल जेम्स टॉड तथा श्यामलदास दधवाड़िया के समकक्ष इतिहासवेत्ता तथा मेवाड़ राज्य के इतिहास महकमे के अधिकारी ए गौरीशंकर ओझा के इतिहास ग्रन्थ भावी शोधकर्ताओं का मार्गदर्शन करते ही रहेगे।

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