देवी चौधरानी | Devi Choudharani के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : देवी चौधरानी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Bankim Chandra Chaterji | Bankim Chandra Chaterji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Bankim Chandra Chaterji | इस पुस्तक का कुल साइज 1.44 MB है | पुस्तक में कुल 106 पृष्ठ हैं |नीचे देवी चौधरानी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | देवी चौधरानी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Devi Choudharani | This Book is written by Bankim Chandra Chaterji | To Read and Download More Books written by Bankim Chandra Chaterji in Hindi, Please Click : Bankim Chandra Chaterji | The size of this book is 1.44 MB | This Book has 106 Pages | The Download link of the book "Devi Choudharani " is given above, you can downlaod Devi Choudharani from the above link for free | Devi Choudharani is posted under following categories Knowledge, Stories, Novels & Plays |
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घर में प्रवेश करने को प्रफुल्ल की मा के पैर नहीं उठ रहे थे। प्रफुल्ले कंगाल की लड़की थी । इसलिए हरिवल्लभ बाबू उससे घृणा करते थे, यह बात नहीं थी। विवाह के पश्चात् एक गड़बड़ी हो गई थी। हरिवल्लभ नै जान-बूझकर यह विवाह किया था । कन्या सुन्दर थी, इसी लिए उन्होंने पम्वन्ध किया था। उधर प्रफुल्ल की मी ने अपनी सब कुछ लगाकर यह विवाह किया था। उस विवाह में ही वह कंगाल हो गई थी । यहां तक कि अन्न का भी अभाव हो गया, परन्तु भाग्य से फल उल्टा ही हुआ ।