धन्वन्तरि क्षय रोगांक | Dhanvantri Kshay Rogank के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : धन्वन्तरि क्षय रोगांक है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Devisharan Garg, Bankelal Gupt | Devisharan Garg, Bankelal Gupt की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Devisharan Garg, Bankelal Gupt | इस पुस्तक का कुल साइज 14.53 MB है | पुस्तक में कुल 378 पृष्ठ हैं |नीचे धन्वन्तरि क्षय रोगांक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | धन्वन्तरि क्षय रोगांक पुस्तक की श्रेणियां हैं : health, ayurveda
Name of the Book is : Dhanvantri Kshay Rogank | This Book is written by Devisharan Garg, Bankelal Gupt | To Read and Download More Books written by Devisharan Garg, Bankelal Gupt in Hindi, Please Click : Devisharan Garg, Bankelal Gupt | The size of this book is 14.53 MB | This Book has 378 Pages | The Download link of the book "Dhanvantri Kshay Rogank " is given above, you can downlaod Dhanvantri Kshay Rogank from the above link for free | Dhanvantri Kshay Rogank is posted under following categories health, ayurveda |
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धन्वन्तरि को यह चिशेपक “क्षयरोग" जैसे महत्वपूर्ण विश्य पर प्रकाशित किया गया है। क्षयरोग के विषय में आपको इसमें अनेक विद्वानों के गवेषणापुर्ण लेख पढ़ने को मिलेंगे। कौन ऐसा चिकित्सक होगा जो क्षयरोग की गहत्ता को स्वीकार न करेगा इस विशेपाक की आवश्यकता क्यों हुई इसका उत्तर यही हो सकता है कि आज हम जिधर दृष्टि डालते हैं, उधर ही क्षय । रोगी का आर्तनाद सुनाई देता है, छोटे बड़े । जितने भी वैद्य हकीम और डाक्टर हैं, वे सब इस रोग से आक्रान्त रोगी के चक्कर में पड़े दिखाई
देते हैं ।