भारतीय दर्शन का इतिहास भाग-1 | Bhartiya Darshan Ka Itihas Bhag-1

भारतीय दर्शन का इतिहास भाग-1 | Bhartiya Darshan Ka Itihas Bhag-1

भारतीय दर्शन का इतिहास भाग-1 | Bhartiya Darshan Ka Itihas Bhag-1

भारतीय दर्शन का इतिहास भाग-1 | Bhartiya Darshan Ka Itihas Bhag-1 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भारतीय दर्शन का इतिहास भाग-1 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Sarvapalli radhakrishnan | Sarvapalli radhakrishnan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 22.35 MB है | पुस्तक में कुल 466 पृष्ठ हैं |नीचे भारतीय दर्शन का इतिहास भाग-1 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारतीय दर्शन का इतिहास भाग-1 पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge

Name of the Book is : Bhartiya Darshan Ka Itihas Bhag-1 | This Book is written by Sarvapalli radhakrishnan | To Read and Download More Books written by Sarvapalli radhakrishnan in Hindi, Please Click : | The size of this book is 22.35 MB | This Book has 466 Pages | The Download link of the book "Bhartiya Darshan Ka Itihas Bhag-1" is given above, you can downlaod Bhartiya Darshan Ka Itihas Bhag-1 from the above link for free | Bhartiya Darshan Ka Itihas Bhag-1 is posted under following categories history, Knowledge |

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पुस्तक का साइज : 22.35 MB
कुल पृष्ठ : 466

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इन महाराजा ने शैक्षणिक और अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों का अपनी उदार दानशीलता द्वारा जो उपकार किया है वह इतना महान् है कि इस गरिमामय , व्यक्ति का नाम आज बंगाल के घर-घर में आदर के साथ लिया जाता है। अब तक वे 3 लाख पौण्ड दान कर चुके हैं जिनमे से 2 लाख पौण्ड शिक्षा के लिए ही हैं। इनका व्यक्तित्व इन दान कार्यों की अपेक्षा भी कही अधिक महान् है। इनका उदात्त चरित्र, 'विश्वजनीन बन्धुत्व भवना, उदारता, सहृदयता, सवने उन्हें सच्चे अर्थों में वोधिसत्व ही बना दिया है। मैंने ऐसे उदात्त व्यक्तित्व वहुत कम देखे हैं । वंगाल के अन्य अनेक विद्वानों की भाँति मुझ पर भी उनका उपकार-मार है क्योकि उन्होंने मेरे अध्ययन, शोध आदि को जितना प्रोत्साहन दिया है। उसके लिए मैं किन शब्दों में उनका आभार और कृतज्ञता व्यक्त करू, नहीं जानती ।

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