हमारे अमर नायक | Hamare Amar Nayak के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हमारे अमर नायक है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Premnarayan tandan | Premnarayan tandan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Premnarayan tandan | इस पुस्तक का कुल साइज 4.22 MB है | पुस्तक में कुल 89 पृष्ठ हैं |नीचे हमारे अमर नायक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हमारे अमर नायक पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Knowledge
Name of the Book is : Hamare Amar Nayak | This Book is written by Premnarayan tandan | To Read and Download More Books written by Premnarayan tandan in Hindi, Please Click : Premnarayan tandan | The size of this book is 4.22 MB | This Book has 89 Pages | The Download link of the book "Hamare Amar Nayak" is given above, you can downlaod Hamare Amar Nayak from the above link for free | Hamare Amar Nayak is posted under following categories dharm, Knowledge |
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राजा दशरथ के पुत्रों के जन्म के पहले एक कन्या उत्पन्न हुई थी। उसका विवाह श्रृंगी ऋषि के साथ हुआ था। एक बार उन्होंने महायज्ञ करना प्रारम्भ किया। उस समय अयोध्या में महाराज रामचन्द्र राज कर रहे थे और महारानी सीता गर्भवती थीं । इसीसे यश का निमंत्रण आने पर तीनों विधवा महारानियाँ गुरु वशिष्ठ के साथ वहाँ चली गई राम और सीता को अयोध्या में ही रहना पड़ा। चलते समय गुरुवर वशिष्ठ जी ने राजा रामचन्द्र को यह समझा दिया कि सब प्रकार से प्रजा को संतुष्ठ रखना ही राजा का धर्म है।