हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास | Hindi Sahitya Ka Pratham Itihas

हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास | Hindi Sahitya Ka Pratham Itihas

हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास | Hindi Sahitya Ka Pratham Itihas के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Kishori Lal Gupt | Kishori Lal Gupt की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 15.52 MB है | पुस्तक में कुल 400 पृष्ठ हैं |नीचे हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge

Name of the Book is : Hindi Sahitya Ka Pratham Itihas | This Book is written by Kishori Lal Gupt | To Read and Download More Books written by Kishori Lal Gupt in Hindi, Please Click : | The size of this book is 15.52 MB | This Book has 400 Pages | The Download link of the book "Hindi Sahitya Ka Pratham Itihas " is given above, you can downlaod Hindi Sahitya Ka Pratham Itihas from the above link for free | Hindi Sahitya Ka Pratham Itihas is posted under following categories history, Knowledge |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 15.52 MB
कुल पृष्ठ : 400

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

अनुवाद कार्य कुल आठ दिनों में समाप्त हुआ । वे बड़े ही व्यस्त दिन थे । प्रतिदिन लगभग चार बजे उठता और अनुवाद करने बैठ जाता यह कार्य लगभग छह साढ़े-छह तक चलता। तदुपरांत नित्य कार्य से निवृत्त हो भाई मंगलाप्रसाद के साथ मणिकर्णिका घाट पर गंगा स्नान करने जाता कभी विश्वनाथ जी का भी दर्शन कर लेता, कभी नहीं। लौटकर वापस आते-आते आठ बज जाते । आते ही कुछ नाश्ता करके फिर काम पर जुट जाता लगभग बारह बजे तक अनुवाद कार्य करता तदुपरांत भोजन करने के लिए निकलता ।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.