जवाहर लालजी की जीवनी | Jawahar Lalji Ki Jivani के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : जवाहर लालजी की जीवनी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Kundan Mal Ji | Kundan Mal Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Kundan Mal Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 25.48 MB है | पुस्तक में कुल 529 पृष्ठ हैं |नीचे जवाहर लालजी की जीवनी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जवाहर लालजी की जीवनी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Biography, Knowledge
Name of the Book is : Jawahar Lalji Ki Jivani | This Book is written by Kundan Mal Ji | To Read and Download More Books written by Kundan Mal Ji in Hindi, Please Click : Kundan Mal Ji | The size of this book is 25.48 MB | This Book has 529 Pages | The Download link of the book "Jawahar Lalji Ki Jivani " is given above, you can downlaod Jawahar Lalji Ki Jivani from the above link for free | Jawahar Lalji Ki Jivani is posted under following categories Biography, Knowledge |
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पूज्यश्री के प्रथम दर्शन का लाभ मुझे तब मिला जब पूज्यश्री दक्षिण प्रान्त मे पधारे और अहमदनगर शहर में ही आपका दक्षिण का प्रथम चातुर्मास सवत् १९६८ मे हुआ। मेवाड मालवा छोडकर पूज्यश्री दक्षिण में पधारे तब वह किचित् व्यथित अन्त करण से ही पधारे थे। रतलाम जेन ट्रेनिग कालेज के कुछ विद्यार्थियों ने दीक्षा लेने का निश्चय करके कालेज छोड दिया, उसका आरोप पूज्यश्री पर कालेज के उस वक्त के कार्यवाहक और जेन हितेच्छु पत्र के सम्पादक श्री वाडीलाल मोतीलाल शाह ने लगाया था। पूज्यश्री को इसका बडा दु ख होता था।