राज रत्नाकर | Raj Ratnakar के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : राज रत्नाकर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 02.98 MB है | पुस्तक में कुल 104 पृष्ठ हैं |नीचे राज रत्नाकर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | राज रत्नाकर पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Raj Ratnakar | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 02.98 MB | This Book has 104 Pages | The Download link of the book "Raj Ratnakar " is given above, you can downlaod Raj Ratnakar from the above link for free | Raj Ratnakar is posted under following categories history |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
कशी बेहद बढ़ गई थी, फोई किसीफो राजा नहीं मानना चाहता था, सब स्याधन्ध होरहे थे एक दूसरेके विरोधी अनेकदल खड़े होगये थे। इन्हीं दलोंके पड्यन्पोंका यह परिणाम हुआ कि कोई राजा देर तक पंजाबके सिंहासनपर न वैठ सका शेर सिंहको मृत्युके बाद कुछ दिनोंतक हलचलसी पड़ी रही, अन्तमें महाराज रणजीतसिंहकी विधवा महारानीने दलीपसिंहको राजगदीपर बिठा दिया दीपसिंह महाराज रणजीतके कनिष्ठ पुत्र थे, सिंहा: सनारूद्ध होने के समय वह बाल्यावस्था में थे । दलीपसिंहको सिंहासनपर बिठा महारानीने लालसिंह, अपने भाई जोरावरसिंह तथा जम्मूके राजा गुलाबसिंह एक कमेटी बनाई ।