समाज सेवा और इस्लाम धर्म | Samaaj Sewa aur Islam Dharm (Social Service in Islam)

समाज सेवा और इस्लाम धर्म | Samaaj Sewa aur Islam Dharm (Social Service in Islam)

समाज सेवा और इस्लाम धर्म | Samaaj Sewa aur Islam Dharm (Social Service in Islam)

समाज सेवा और इस्लाम धर्म | Samaaj Sewa aur Islam Dharm (Social Service in Islam) के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : समाज सेवा और इस्लाम धर्म है | इस पुस्तक के लेखक हैं : maulaana sayyad jalaaluddeen uparee | maulaana sayyad jalaaluddeen uparee की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 47.9 MB है | पुस्तक में कुल 61 पृष्ठ हैं |नीचे समाज सेवा और इस्लाम धर्म का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | समाज सेवा और इस्लाम धर्म पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Samaaj Sewa aur Islam Dharm (Social Service in Islam) | This Book is written by maulaana sayyad jalaaluddeen uparee | To Read and Download More Books written by maulaana sayyad jalaaluddeen uparee in Hindi, Please Click : | The size of this book is 47.9 MB | This Book has 61 Pages | The Download link of the book "Samaaj Sewa aur Islam Dharm (Social Service in Islam) " is given above, you can downlaod Samaaj Sewa aur Islam Dharm (Social Service in Islam) from the above link for free | Samaaj Sewa aur Islam Dharm (Social Service in Islam) is posted under following categories dharm |

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पुस्तक का साइज : 47.9 MB
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मानव-समाज में वास्तविक सुख-शान्ति व समृद्धि जिन बातों पर निर्भर होती है । उनमें इनसान के, एक दूसरे के प्रति ‘कर्तव्य व अधिकार का महत्त्व सबसे ज़्यादा है। इतना ही महत्त्व इन दोनों में एक सुसंतुलित सम्मिश्रण का भी है । प्रायः होता यह है कि ‘अधिकारों' की ही बात और अपेक्षा व माँग की जाती है, कर्तव्यों की बात सर्वथा दबी-दबाई रह जाती, या रखी जाती है 'कर्तव्य' और 'अधिकार' में दो पहलुओं से एक गहरा नाता है। एक : किसी व्यक्ति, या व्यक्तियों के समूह व वर्ग को, उसके अपेक्षित व यथार्थ अधिकार मिलने का तक़ाज़ा यह भी है |

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