शाम्भवी तंत्र | Shambhavi Tantra

शाम्भवी तंत्र | Shambhavi Tantra

शाम्भवी तंत्र | Shambhavi Tantra

शाम्भवी तंत्र | Shambhavi Tantra के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : शाम्भवी तंत्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Gopinath Kaviraj | Dr. Gopinath Kaviraj की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 35.6 MB है | पुस्तक में कुल 134 पृष्ठ हैं |नीचे शाम्भवी तंत्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | शाम्भवी तंत्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : jyotish

Name of the Book is : Shambhavi Tantra | This Book is written by Dr. Gopinath Kaviraj | To Read and Download More Books written by Dr. Gopinath Kaviraj in Hindi, Please Click : | The size of this book is 35.6 MB | This Book has 134 Pages | The Download link of the book "Shambhavi Tantra" is given above, you can downlaod Shambhavi Tantra from the above link for free | Shambhavi Tantra is posted under following categories jyotish |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 35.6 MB
कुल पृष्ठ : 134

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इस तन्त्र को प्रायः लुप्त तत्र माना गया है । परम्परा की दृष्टि से इसे शैवतंत्र के अन्तर्गत् कहा जा सकता है। मानव के विकास की विधा में साधना का स्थान अन्यतम है । साधना क्रममार्ग के अवलम्बन से सम्पन्न होती है । अर्थात् क्रमिक रूप से सोपान क्रम से उध्र्वारोहण जो अधिकारी प्राक्तन एवं पूर्वार्जित क्रम के अनुसार जितना उन्नत होता है, वह उसी मात्रा में क्रमोन्नति का भागी होता है । अथति उसने पूर्वार्जित एवं प्राक्तन कर्म के अनुसार पूर्वजन्म में जहां तक की साधना को सम्पन्न कर लिया था, इस जन्म में वह उसी विन्दु से साधना प्रारंभ करता है।

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