श्रीश्री चमत्कारचन्द्रिका | Shri Shri Chamatkaar Chandrika

श्रीश्री चमत्कारचन्द्रिका | Shri Shri Chamatkaar Chandrika

श्रीश्री चमत्कारचन्द्रिका | Shri Shri Chamatkaar Chandrika

श्रीश्री चमत्कारचन्द्रिका | Shri Shri Chamatkaar Chandrika के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्रीश्री चमत्कारचन्द्रिका है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Vishvanath Chakrvarti Thakur | Shri Vishvanath Chakrvarti Thakur की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 01.4 MB है | पुस्तक में कुल 97 पृष्ठ हैं |नीचे श्रीश्री चमत्कारचन्द्रिका का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्रीश्री चमत्कारचन्द्रिका पुस्तक की श्रेणियां हैं : inspirational

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पुस्तक का साइज : 01.4 MB
कुल पृष्ठ : 97

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प्रथम कौतूहलमें मजूषिका मिलन है। द्वितीय कौतूहलमें अभिमन्युके वेषमें श्रीकृष्णका राधाजीसे मिलन है। तृतीय कौतूहलमें श्रीकृष्ण वैद्यवेषमें राधाजीसे मिलते हैं। चतुर्थ कौतूहलमें श्रीकृष्ण गायिका रमणीक वेषमें राधाजीसे मिलित हुए हैं। महाजन पदावलीमें भी इन लीलाओंका यथेष्ट आभास मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि हरिवासर अर्थात् एकादशीके रात्रि-जागरणके सम्पर्कमें चार-यामोंके लिए ये चार कौतूहल लिखे गये हैं। पूर्वकालमें भी वैष्णव लोग इस ग्रन्थका अनुशीलन और आस्वादनकर अनेक प्रकारके भावोंके साथ परस्पर रसोद्गार और स्व-अनुभूत अद्भुत चमत्कारिताका आदान-प्रदान करते हुए परम आनन्दित हुआ करते थे।

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