श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप | Shrimad Bhagwat Geeta Yatharoop

श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप | Shrimad Bhagwat Geeta Yatharoop

श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप | Shrimad Bhagwat Geeta Yatharoop

श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप | Shrimad Bhagwat Geeta Yatharoop के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप है | इस पुस्तक के लेखक हैं : A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada | A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 28.0 MB है | पुस्तक में कुल 670 पृष्ठ हैं |नीचे श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Shrimad Bhagwat Geeta Yatharoop | This Book is written by A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada | To Read and Download More Books written by A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada in Hindi, Please Click : | The size of this book is 28.0 MB | This Book has 670 Pages | The Download link of the book "Shrimad Bhagwat Geeta Yatharoop" is given above, you can downlaod Shrimad Bhagwat Geeta Yatharoop from the above link for free | Shrimad Bhagwat Geeta Yatharoop is posted under following categories dharm |

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पुस्तक का साइज : 28.0 MB
कुल पृष्ठ : 670

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मूलरूप में मैंने 'श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप' को इसी बृहद् आकार में लिखा था। परन्तु प्रकाशन के समय मूल पाण्डुलिपि को चार सौ से भी कम पृष्ठों तक सीमित करना पड़ा, जिससे श्रीमद्भगवद्गीता के अधिकांश मूल श्लोकों की व्याख्या उस संस्करण में नहीं आ सकी। 'श्रीमद्भागवत श्रीईशोपनिषद्',' श्रीचैतन्य चरितामृत'आदि मेरे अन्य सभी ग्रन्थों में मूल श्लोकों के साथ उनका अन्वय, अनुवाद तथा विशद व्याख्या रहती है। इस विधि से ग्रन्थ बड़ा प्रामाणिक और विद्वत्तापूर्ण बन जाता है तथा अर्थ प्रत्यक्ष हो जाता है। अतः अपनी मूल पाण्डुलिपि की काट-छाँट से मैं प्रसन्न नहीं था।

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