उलटा दाँव | Ulata Danva के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : उलटा दाँव है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Prabodh Kumar sanyal | Prabodh Kumar sanyal की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Prabodh Kumar sanyal | इस पुस्तक का कुल साइज 5.75 MB है | पुस्तक में कुल 153 पृष्ठ हैं |नीचे उलटा दाँव का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | उलटा दाँव पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Ulata Danva | This Book is written by Prabodh Kumar sanyal | To Read and Download More Books written by Prabodh Kumar sanyal in Hindi, Please Click : Prabodh Kumar sanyal | The size of this book is 5.75 MB | This Book has 153 Pages | The Download link of the book "Ulata Danva " is given above, you can downlaod Ulata Danva from the above link for free | Ulata Danva is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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एक जमाना था जब नई बहू के साथ मायके की कोई नौकरानी या नायन अया करती थी । ससुराल के अपरिचित वातावरण में सड़की अकेलापन महसूस न करे, बस इसी क्याल से माता-पिता साथ में किसी ऐसी दासी को भेज देते थे जिससे लड़की हिली हुई होती थी। उधर ससुराल वाले भी नई बहू गो तरफ से निश्चित से रहते थे । कम से कम उन्हें यह चिता तो नहीं रहती थी कि वह ठीक से खाती-पीती है या नहीं। और धीरे-धीरे जब लड़की ससुराल में रम जाती तो तरह-तरह के इनामों से अपनी झोली भर हँसी-खुशी वह दासी यहाँ से विदा ले लेती ।