उज्जवला नीलमणि | Ujjvala Nilamani

उज्जवला नीलमणि | Ujjvala Nilamani

उज्जवला नीलमणि | Ujjvala Nilamani के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : उज्जवला नीलमणि है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2.4 MB है | पुस्तक में कुल 1024 पृष्ठ हैं |नीचे उज्जवला नीलमणि का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | उज्जवला नीलमणि पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Ujjvala Nilamani | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2.4 MB | This Book has 1024 Pages | The Download link of the book " Ujjvala Nilamani " is given above, you can downlaod Ujjvala Nilamani from the above link for free | Ujjvala Nilamani is posted under following categories dharm |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 2.4 MB
कुल पृष्ठ : 1024

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

तात्पर्यानुवाद-अयौथिकी-जो महासौभाग्यवान व्यक्ति गोपीभावको प्राप्त करनेके लिए लुब्ध होकर साधनमें प्रवृत्त होते हैं तथा उत्कण्ठाके अनुसार रागानुगीय भजनमें प्रचुरतर आवेशको प्राप्त होते हैं, वे ही समय-समयपर एक, दो या तीन एकसाथ व्रजमें गोपीगर्भसे गोपीके रूपमें जन्म ग्रहण करते हैं। ये गोपियाँ या अयौथिकीगण दो प्रकारकी होती हैं—प्राचीना और नवीना उनमेंसे प्राचीना अयौथिकीगण नित्यप्रिया गोपियोंके साथ बहुत दिन पहले ही सालोक्य प्राप्त की हुई होती हैं।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.