भारतीय दर्शनशास्त्र का इतिहास | Bharatiya Darshanshastra Ka Itihas के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भारतीय दर्शनशास्त्र का इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Devraj And Gopi Nath Kaviraj | Devraj And Gopi Nath Kaviraj की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Devraj And Gopi Nath Kaviraj | इस पुस्तक का कुल साइज 14.39 MB है | पुस्तक में कुल 436 पृष्ठ हैं |नीचे भारतीय दर्शनशास्त्र का इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारतीय दर्शनशास्त्र का इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : philosophy
Name of the Book is : Bharatiya Darshanshastra Ka Itihas | This Book is written by Devraj And Gopi Nath Kaviraj | To Read and Download More Books written by Devraj And Gopi Nath Kaviraj in Hindi, Please Click : Devraj And Gopi Nath Kaviraj | The size of this book is 14.39 MB | This Book has 436 Pages | The Download link of the book "Bharatiya Darshanshastra Ka Itihas " is given above, you can downlaod Bharatiya Darshanshastra Ka Itihas from the above link for free | Bharatiya Darshanshastra Ka Itihas is posted under following categories philosophy |
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भारतीय मस्तिष्क का एक गुण या दुर्गण जो मुझे सदैव खटकता रहता है, वह है उसकी मदगामिता या आलस्य इस सर्वतोमुखी कर्मण्यता और ‘स्पीड' के युग मे “गजगामिनी’ और ‘‘स्थितप्रज्ञ का आर्दश सर्वत्र सदैव और सब के लिये उपयुक्त नहीं हो सकता हम भारतीय जैसे विश्व के विराट् परिवर्तनों से प्रभावित होने के लिये बने ही नहीं हैं । दासता का हंटर भी हमें सजग नहीं कर सका है। आज भी हम स्वय सोचने का कष्ट नहीं उठाना चाहते हमारे प्रगतिशील साहित्यिक या तो वेदान्त या कार्लमाक्र्स या समय-समय | पर दोनों के अनुयायी होने में अपने को धन्य समझते हैं । जीवन के विषय में एक अपना दृष्टिकोण बनाने की महत्त्वाकाङ्क्षा, कम-से-कम हिन्दी-लेखकों मे, नहीं दिखाई पड़ती।