वक्तृत्व कला भाग 3 | Vatritav Kala Part 3 के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : वक्तृत्व कला भाग 3 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 05.7 MB है | पुस्तक में कुल 340 पृष्ठ हैं |नीचे वक्तृत्व कला भाग 3 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | वक्तृत्व कला भाग 3 पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Vatritav Kala Part 3 | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 05.7 MB | This Book has 340 Pages | The Download link of the book "Vatritav Kala Part 3 " is given above, you can downlaod Vatritav Kala Part 3 from the above link for free | Vatritav Kala Part 3 is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
तेरापंथ के अधिशास्ता युगप्रधान आचार्य श्रीतुलसी मै वक्तृत्वकला के ये विशिष्ट गुण चमत्कारी ढंग से विकसित हुए हैं । उनकी वाणी का जादू श्रोताओं के मन-मस्तिष्क को आन्दोलित कर देता है । भारतवर्ष की सुदीर्घ पदयात्राओं के मध्य लाखो नर-नारियो ने उनकी ओजस्विनी वाणी सुनी है और उसके मधुर प्रभाव को जीवन में अनुभव किया है।