मीराबाई का जीवन चरित्र | Meerabai Ka Jivan Charitra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मीराबाई का जीवन चरित्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Munshi Deviprasad | Munshi Deviprasad की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Munshi Deviprasad | इस पुस्तक का कुल साइज 4.65 MB है | पुस्तक में कुल 81 पृष्ठ हैं |नीचे मीराबाई का जीवन चरित्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मीराबाई का जीवन चरित्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Meerabai Ka Jivan Charitra | This Book is written by Munshi Deviprasad | To Read and Download More Books written by Munshi Deviprasad in Hindi, Please Click : Munshi Deviprasad | The size of this book is 4.65 MB | This Book has 81 Pages | The Download link of the book "Meerabai Ka Jivan Charitra" is given above, you can downlaod Meerabai Ka Jivan Charitra from the above link for free | Meerabai Ka Jivan Charitra is posted under following categories literature |
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मीरगंवाई को भी बचपन से ही गिरधरलाल जी का इष्ट हो गया था और वे उनकी मूरति से खेलते खेलते दिल लगा वैठी थीं और सुसराल में गई जब भी उसको अपने साथ इष्टदेव की तरह ले गई थीं और अबजो विधवाहुई तो रातदिन उसी मूरति की सेवा और पूजा जी जान से करने लगीं ।
गिरधरलालजी भी श्री कृष्णजी के सैकड़ो नामों में से १ नाम है। जो गोबरधन पहाड के उठाने से हुआ था यह बात मूरति में भी दिखाई जाती है कि बांये हाथ पर पहाड लिए बांकी अदा से खड़े हैं और दाहिने हाथ में बांसुरी मुह से लगी हुई है ।