जनवाणी | Janvani के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : जनवाणी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Narendra Dev | Acharya Narendra Dev की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Acharya Narendra Dev | इस पुस्तक का कुल साइज 192.6 MB है | पुस्तक में कुल 201 पृष्ठ हैं |नीचे जनवाणी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जनवाणी पुस्तक की श्रेणियां हैं : society
Name of the Book is : Janvani | This Book is written by Acharya Narendra Dev | To Read and Download More Books written by Acharya Narendra Dev in Hindi, Please Click : Acharya Narendra Dev | The size of this book is 192.6 MB | This Book has 201 Pages | The Download link of the book "Janvani" is given above, you can downlaod Janvani from the above link for free | Janvani is posted under following categories society |
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विश्वसमाज में आज केवल सामाजिक क्रान्ति र्ह नहीं हो रही है, किन्तु विश्व के विचारकों में मैं एक आध्यात्मिक उथल-पुथल मची है । ऐटम बम के आविष्कार ने इन विचारकों को भविष्य के संबन्ध में गंभीरता के साथ विचार करने के लिये विवश कर दिया है। फ़ासिटीवाद और नाज़ीवाद के मौलिक
आधार के अध्ययन ने भी भविष्य के सम्बन्ध में सन्देह उत्पन्न कर दिया है । समाजवाद से जिनको बड़ी आशा थी, जिन्होंने रूस के समाजवाद में अपने स्वप्नों को स्थूल रूप धारण करते देखा था और जो इस कारण स्वयं कम्यूनिस्ट पार्टी के आदरणीय सदस्य हो गये थे|