दो शब्द | Do Shabd के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : दो शब्द है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Ramratan Bhatnagar | Dr. Ramratan Bhatnagar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dr. Ramratan Bhatnagar | इस पुस्तक का कुल साइज 7.5 MB है | पुस्तक में कुल 250 पृष्ठ हैं |नीचे दो शब्द का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दो शब्द पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry
Name of the Book is : Do Shabd | This Book is written by Dr. Ramratan Bhatnagar | To Read and Download More Books written by Dr. Ramratan Bhatnagar in Hindi, Please Click : Dr. Ramratan Bhatnagar | The size of this book is 7.5 MB | This Book has 250 Pages | The Download link of the book "Do Shabd" is given above, you can downlaod Do Shabd from the above link for free | Do Shabd is posted under following categories Poetry |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
कथा के प्रारंभ में सूरदास स्वयं ढाढ़ी के रूप में उपस्थित होते हैं। कदाचिन् सूर ने ढाढ़ी की कल्पना उस समय की जब वल्लभाचार्य ने उनकी प्रशंसा की । इसके बाद ढाढ़ी वल्लभसम्प्रदाय के कवियों का एक प्रमुख विपय हो गया, क्योंकि जन्नोनय के समय दाढ़ी के पद गाये जाने लगे परन्तु इन पदों में किन भी कवि ने सूर की तरह अपने को ढाढ़ी चित्रित नहीं किया है। इससे स्पष्ट है कि कम से कम जिस रूप में ढाढ़ी गरमागर में आता है वह सुर की उपज है । कागासुर की कथा अन्य प्रमुग्ध की कथा के दंग पर ही खड़ी की गई है।