दान विचार | Daan Vichar

दान विचार | Daan Vichar

दान विचार | Daan Vichar के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : दान विचार है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gyansagar ji Maharaj | Gyansagar ji Maharaj की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 5 MB है | पुस्तक में कुल 216 पृष्ठ हैं |नीचे दान विचार का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दान विचार पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Daan Vichar | This Book is written by Gyansagar ji Maharaj | To Read and Download More Books written by Gyansagar ji Maharaj in Hindi, Please Click : | The size of this book is 5 MB | This Book has 216 Pages | The Download link of the book "Daan Vichar" is given above, you can downlaod Daan Vichar from the above link for free | Daan Vichar is posted under following categories dharm |


पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 5 MB
कुल पृष्ठ : 216

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सच तो बात यह है कि जिमप्रकार धर्म तीर्थ संसारसमुद्र अनंत प्राणियोंको पार उतारकर निर्वाण-पदको प्राप्त कर देता है, परमाम पदको प्राप्त करा देता है उसीप्रकार दानतीर्थ भी जीवोंको परमात्मपद शीघ्र ही प्राप्त कर देता है । इसीळिये दानका माहा
म्य लोकोत्तर है, अवर्णनीय है ओर पंचाश्चर्यका करनेवाला है। जिस दानके प्रभावसे दाता और पात्र दोनों ही समस्त सप्तरिक दुःखसे निवृत्त होकर साक्षात् परमात्मा हो जाते है, अजर अमर और अक्षय अन्तसुखके अधिकारी हो जाते हैं उस दानतीर्थकी महिमा किसप्रकार वर्णन की जा सकती है।

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