भारत के तीर्थ | Bharat Ke Tirth के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भारत के तीर्थ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Yashpal Jain | Yashpal Jain की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Yashpal Jain | इस पुस्तक का कुल साइज 3MB है | पुस्तक में कुल 250 पृष्ठ हैं |नीचे भारत के तीर्थ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारत के तीर्थ पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Bharat Ke Tirth | This Book is written by Yashpal Jain | To Read and Download More Books written by Yashpal Jain in Hindi, Please Click : Yashpal Jain | The size of this book is 3MB | This Book has 250 Pages | The Download link of the book "Bharat Ke Tirth " is given above, you can downlaod Bharat Ke Tirth from the above link for free | Bharat Ke Tirth is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
तीर्थ-यात्रा का अपना मानन्द और अपना लाभ होता है । यही कारण है कि देश के कोने-कोने से हजारों लोग दूर-पारा के होर्मों की यात्रा करने जाते हैं। द्वारिको, प्रयाग, हरिद्वार, भित्रकू, पुष्कर, पंढरपुर, रामेश्वर, दक्षिण की काशी कोल्हापुर तथा आदि-गुरु शंकराचार्य की जन्मभूमि मालटी के नाम किसने नहीं सुने होंगे ! बहुतों ने इनकी या इनमें से कई सीप भी यात्रा भी की होगी । हमारा देश पर्न-परामण देश है और जबतूफ पर्म है। तबतक तीर्थों का महत्व रहेगा। उनको यात्रा करने से हमें एक और भी तो फायदा होता है। हमें अपने देश को देझर्ने का अवसर मिलता है। बिना देश को देते हुम उसके प्रति अपने कर्तव्य का लगन से कैसे पालन कर सकते हैं ।