मुक्तक लहरी | Muktak Lahari के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मुक्तक लहरी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Karuna Shankar Dubey | Dr. Karuna Shankar Dubey की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dr. Karuna Shankar Dubey | इस पुस्तक का कुल साइज 1.1 MB है | पुस्तक में कुल 84 पृष्ठ हैं |नीचे मुक्तक लहरी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मुक्तक लहरी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry
Name of the Book is : Muktak Lahari | This Book is written by Dr. Karuna Shankar Dubey | To Read and Download More Books written by Dr. Karuna Shankar Dubey in Hindi, Please Click : Dr. Karuna Shankar Dubey | The size of this book is 1.1 MB | This Book has 84 Pages | The Download link of the book " Muktak Lahari" is given above, you can downlaod Muktak Lahari from the above link for free | Muktak Lahari is posted under following categories Poetry |
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सुनाते है अँगुलियों की कहानी जुबानी आकार प्रकार है अपने आप में बारानी बाबू देहाती रहो या बन के रहो शहरी अंगुलियाँ सदा से रही है समय प्रहरी अँगुलियों में वर्तमान का होता संबल इशारा कर बनाती अचल को सचल अंगुलियाँ न हो तो लेखनी न हो सबल । तार बेतार छिपा अँगुलियों की पहल ।