दैत्यवंश महाकाव्य | Daityavansh Mahakavya के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : दैत्यवंश महाकाव्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Hardayalu Singh | Hardayalu Singh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Hardayalu Singh | इस पुस्तक का कुल साइज 4 MB है | पुस्तक में कुल 294 पृष्ठ हैं |नीचे दैत्यवंश महाकाव्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दैत्यवंश महाकाव्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry
Name of the Book is : Daityavansh Mahakavya | This Book is written by Hardayalu Singh | To Read and Download More Books written by Hardayalu Singh in Hindi, Please Click : Hardayalu Singh | The size of this book is 4 MB | This Book has 294 Pages | The Download link of the book "Daityavansh Mahakavya " is given above, you can downlaod Daityavansh Mahakavya from the above link for free | Daityavansh Mahakavya is posted under following categories Poetry |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
कालान्तर में जब मैने वाल्मीकीय रामायण और श्रीमद्भागवत का अध्ययन किया और हरिवंश पुराण सुनकर राक्षसो, असुरो और दैत्यो के चरित्रो का विवेचनात्मक विश्लेषण किया तब मेरे हृदय में उस पहले यी धारणा में और भी जोर मारा, क्योकि इस अध्ययन से मुझे विश्वास हो गया कि दैत्यों और राक्षसो के चरित्रो से भी काव्योचित सामग्री भले प्रकार संकलित की जा सकती है । इसके बहुत दिनों के बाद श्री माइकेल | मधुसूदन दत्त का 'मेघनाद-वच' देखने में आया। उसे पढ़कर मुझे पूरा विश्वास
हो गया कि पुराण के इन उपेक्षित पात्रों को लेकर बहुत सुन्दर चीज लिखी जा सकती है ।