शासन-समुद्र भाग – २ | Shasan Samudra Part – 2

शासन-समुद्र भाग – २ | Shasan Samudra Part – 2

शासन-समुद्र भाग – २ | Shasan Samudra Part – 2 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : शासन-समुद्र भाग – २ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Muni Navratnmal | Muni Navratnmal की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 9 MB है | पुस्तक में कुल 288 पृष्ठ हैं |नीचे शासन-समुद्र भाग – २ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | शासन-समुद्र भाग – २ पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, history

Name of the Book is : Shasan Samudra Part – 2 | This Book is written by Muni Navratnmal | To Read and Download More Books written by Muni Navratnmal in Hindi, Please Click : | The size of this book is 9 MB | This Book has 288 Pages | The Download link of the book "Shasan Samudra Part – 2 " is given above, you can downlaod Shasan Samudra Part – 2 from the above link for free | Shasan Samudra Part – 2 is posted under following categories dharm, history |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 9 MB
कुल पृष्ठ : 288

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आचार्य भिक्षु को शासन-काल महान् क्रातिकारी एव हर दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा। भाव-दीक्षा अगीकार करने के पश्चात् पन्द्रह वर्षों तक उन्हे घोर संघर्षों से लोहा लेना पड़ा। फिर भी वे वीर-पुरुष मुसीबतो के भीषण झझावातो को चीरते हुए अपूर्व साहस के साथ अविचल गति से अपने मतव्य पथ पर बढ़ते चले गए। धैर्य के फल अत्यत मधुर होते हैं। आखिर ३६ वर्षों की कठोर साधना के बाद आशाओ की दिशाओं में अरुणाई छा गयी और सफलता की सहस्र-सहस्र रश्मियो को लेकर चतुर्विध संघ को अमर आलोक देने वाला सूर्य उदित हो गया।

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