शेक्सपियर के नाटक | Sheksapier Ke Natak

शेक्सपियर के नाटक | Sheksapier Ke Natak

शेक्सपियर के नाटक | Sheksapier Ke Natak के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : शेक्सपियर के नाटक है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ganga Prasad Upadhyay | Ganga Prasad Upadhyay की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 4.52 MB है | पुस्तक में कुल 276 पृष्ठ हैं |नीचे शेक्सपियर के नाटक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | शेक्सपियर के नाटक पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Sheksapier Ke Natak | This Book is written by Ganga Prasad Upadhyay | To Read and Download More Books written by Ganga Prasad Upadhyay in Hindi, Please Click : | The size of this book is 4.52 MB | This Book has 276 Pages | The Download link of the book "Sheksapier Ke Natak" is given above, you can downlaod Sheksapier Ke Natak from the above link for free | Sheksapier Ke Natak is posted under following categories literature |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 4.52 MB
कुल पृष्ठ : 276

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

चं. गंगाप्रसाद उपाध्यामें हिन्द, अर्द और अंग्रेजी के राजक्त तक (जन्म ६, तिम्र, १८८१-मनु २१ अगस्त, १९६८)। पचरा के अनुसार उन जमाव हुई पौरवाद को अंगको रचि हिन्दी सेशन को मोर अंकुरित हुई। हिन्दी व्याकरण के वे अपन शङ हैं, जिन्ही अंधेरी पद्धति र व्याकर ति –१४ इडियन प्रेस प्रयाग में प्रकाशित किया । सद् ११३-१४ में होने दण्डिका प्रेस के मात्र पर शेतपिघर के नोटों के गानों को घः भागों में नभाग यह कयाशाम कार वर्ष पुरा हो चुका है। किन्तु इसका ऐतिहासिक मूथ सदा रहेगा। हिन्दी के सम्पप्रतिष्ठ न्यासशक मुंशी प्रेमचन्द वी इलाहाबाद दैनिश कॉलेज में भी गयाप्रमाद जी के राहुल थे।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *