कबीर की विचारधारा | Kabir Ki Vichardhara

कबीर की विचारधारा | Kabir Ki Vichardhara

कबीर की विचारधारा | Kabir Ki Vichardhara के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : कबीर की विचारधारा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Govind Trigunayat | Dr. Govind Trigunayat की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 16.12 MB है | पुस्तक में कुल 490 पृष्ठ हैं |नीचे कबीर की विचारधारा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कबीर की विचारधारा पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Kabir Ki Vichardhara | This Book is written by Dr. Govind Trigunayat | To Read and Download More Books written by Dr. Govind Trigunayat in Hindi, Please Click : | The size of this book is 16.12 MB | This Book has 490 Pages | The Download link of the book "Kabir Ki Vichardhara" is given above, you can downlaod Kabir Ki Vichardhara from the above link for free | Kabir Ki Vichardhara is posted under following categories literature, Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 16.12 MB
कुल पृष्ठ : 490

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

मध्यकालीन संतों में कबीर अग्रगण्य हैं। वे कवि, धमापदेष्टा, सुधारक, योगी और भक्त तो थे हो, किंतु उनका वास्तविक सौन्दर्य उनके विचारक स्वरूप में दिखलाई पड़ता है। उनके अन्य सभी स्वरूप इसी के आश्रित हैं। अपनी रचनाओं में उन्होंने यह बात कई बार संकेतित भी की है। कितनो ‘विडम्बना है कि उन के अन्य स्वरूपों की तो थोड़ी बहुत विवेचना हुई भी, किन्तु उनके विचारक स्वरूप पर किसी ने भी गम्भीरता से विचार नहीं किया कुछ आचार्यों ने इधर दृष्टि डालने की चेष्टा अवश्य की किन्तु उसकी विशालता और जटिलता को देखकर सम्भवतः वे भी ठिठक गए। फलतः उनका वह स्वरूप रहस्यमय ही बना रहा ।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.