सोहन काव्य-कथा मंजरी | Sohan Kavya Katha Manjari के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : सोहन काव्य-कथा मंजरी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Sohanlal Ji | Shri Sohanlal Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Sohanlal Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 3 MB है | पुस्तक में कुल 116 पृष्ठ हैं |नीचे सोहन काव्य-कथा मंजरी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सोहन काव्य-कथा मंजरी पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature, Poetry
Name of the Book is : Sohan Kavya Katha Manjari | This Book is written by Shri Sohanlal Ji | To Read and Download More Books written by Shri Sohanlal Ji in Hindi, Please Click : Shri Sohanlal Ji | The size of this book is 3 MB | This Book has 116 Pages | The Download link of the book "Sohan Kavya Katha Manjari" is given above, you can downlaod Sohan Kavya Katha Manjari from the above link for free | Sohan Kavya Katha Manjari is posted under following categories literature, Poetry |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
साहित्य की विधाओं में कथा उतनी ही प्राचीन है जितनी कि स्वयं मानव-सृष्टि । जब दो व्यक्ति मिलते हैं एवं परस्पर कुशल-क्षेम के समाचार पूछते हैं, तब वे अपनी कहानी ही कहते हैं या सुनाते हैं। यही कहानी का उद्गम स्रोत है। तब से अब तक इस कहानी ने एक लम्बी दूरी की यात्रा तय की है, कथा से कहानी, फिर लघुकथा व बोधकथा के रूप में विकसित होकर अब वह अ-कहानी की सीमा को स्पर्श करने लगी है। किसी भी प्रायु के व्यक्ति के लिए कहानी सुनना या पढ़ना आनन्ददायक होता है । अपने देश में ही दादी-नानी के द्वारा कहानी कहने-सुनने की परम्परा चली आ रही है ।