फटा पत्र | Phata Patra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : फटा पत्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Govind Ballabh Pant | Govind Ballabh Pant की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Govind Ballabh Pant | इस पुस्तक का कुल साइज 4.84 MB है | पुस्तक में कुल 168 पृष्ठ हैं |नीचे फटा पत्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | फटा पत्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Phata Patra | This Book is written by Govind Ballabh Pant | To Read and Download More Books written by Govind Ballabh Pant in Hindi, Please Click : Govind Ballabh Pant | The size of this book is 4.84 MB | This Book has 168 Pages | The Download link of the book "Phata Patra" is given above, you can downlaod Phata Patra from the above link for free | Phata Patra is posted under following categories literature |
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प्रजापति और मास्टरों के घंटे में इतनी शरारत नहीं करता था, जितनी पंडित आनंदरत्न साहित्य-शास्त्रीजी के घंटे में वे जब लड़कों की कापियाँ शुद्ध करते थे, तब लड़के उनकी मेज को चारों ओर से घेर लेते थे। वे जब सिर कुछ नीचाकर अपनी क़लम चलाते थे, तब उस समय प्रजापति उनके सिर के ऊपर अपने दोनों हाथों से भाँति-भाँति की शकले बनाया करता था। लड़के दाँतों को मिलाकर हँसी रोक लेते थे; जो नहीं रोक सकता था, वही पिटता था। प्रजापति कभीकभी उनकी टोपी से बाहर आई हुई चोटी के सिरे को भी खींच लेता था। उस दिन वह अपना क्रोध नहीं सँभाल सकते थे, और जो सामने पड़ा, उसी पर डंडा जमा देते थे।