लौंजाइनस के उदात्त तत्व सिद्धान्त के आधार पर निराला काव्य का अध्ययन | Laujayines Ke Udatt Tatv Siddhant Ke Aadhar Par Nirala Kavya Ka Adhyayan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : लौंजाइनस के उदात्त तत्व सिद्धान्त के आधार पर निराला काव्य का अध्ययन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Kishori Lal Gupt | Kishori Lal Gupt की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Kishori Lal Gupt | इस पुस्तक का कुल साइज 21.35 MB है | पुस्तक में कुल 186 पृष्ठ हैं |नीचे लौंजाइनस के उदात्त तत्व सिद्धान्त के आधार पर निराला काव्य का अध्ययन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | लौंजाइनस के उदात्त तत्व सिद्धान्त के आधार पर निराला काव्य का अध्ययन पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Laujayines Ke Udatt Tatv Siddhant Ke Aadhar Par Nirala Kavya Ka Adhyayan | This Book is written by Kishori Lal Gupt | To Read and Download More Books written by Kishori Lal Gupt in Hindi, Please Click : Kishori Lal Gupt | The size of this book is 21.35 MB | This Book has 186 Pages | The Download link of the book " Laujayines Ke Udatt Tatv Siddhant Ke Aadhar Par Nirala Kavya Ka Adhyayan" is given above, you can downlaod Laujayines Ke Udatt Tatv Siddhant Ke Aadhar Par Nirala Kavya Ka Adhyayan from the above link for free | Laujayines Ke Udatt Tatv Siddhant Ke Aadhar Par Nirala Kavya Ka Adhyayan is posted under following categories literature |
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निराला के काव्य-सृजन को लेकर जो सबसे बड़ा सवाल शोधकर्ता को बार-बार मथता रहा है, वह 'मातृभूमि', 'जूही की कली' से लेकर 'सान्ध्यकाकली' तक की उनकी सृजन-यात्रा मे उतार न आना रहा है। किस शक्ति से वे निन्तर उत्कर्ष, विवेक व्यस्कता, काव्य के हर तरह के रीतिवाद से विद्रोह, और विचार धाराओ की पराधीनता से मुक्ति को सम्हालकर योगी की तरह उर्ध्व-साधना करते रहे।