मुख़्तसर हज़ मबरूर : मोहम्मद नजीब संभली कासमी | Hajj And Umrah Guide : Mohammd Najeeb Sambhli Kasami के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मुख़्तसर हज़ मबरूर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Mohammd Najeeb Sambhli Kasami | Mohammd Najeeb Sambhli Kasami की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Mohammd Najeeb Sambhli Kasami | इस पुस्तक का कुल साइज 2.3 MB है | पुस्तक में कुल 163 पृष्ठ हैं |नीचे मुख़्तसर हज़ मबरूर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मुख़्तसर हज़ मबरूर पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, islam
Name of the Book is : Hajj And Umrah Guide | This Book is written by Mohammd Najeeb Sambhli Kasami | To Read and Download More Books written by Mohammd Najeeb Sambhli Kasami in Hindi, Please Click : Mohammd Najeeb Sambhli Kasami | The size of this book is 2.3 MB | This Book has 163 Pages | The Download link of the book "Hajj And Umrah Guide" is given above, you can downlaod Hajj And Umrah Guide from the above link for free | Hajj And Umrah Guide is posted under following categories dharm, islam |
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वज़ाहत: अगर कोई शख्स इन जगहों की जियारत के लिए | बिल्कुल ना जाये तो उसके हज या उमरह में कुछ कमी | नहीं आयेगी, बल्कि ज्यादा फिक्र मस्जिदे हराम में हाजिरी | की ही होनी चाहिए।
ग़ारे सौरः जहाँ हुजूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हिजरत के वक्त तीन दिन कयाम किया था। यह ग़ार
जबले सौर (सौर पहाड़) की चोटी के पास है। यह ग़ार । तक़रीबन एक मील की चढ़ाई पर स्थित है।
शारे हिराः जहाँ कुरआने करीम नाज़िल होना शुरू हुआ, (सूरह इकरा की इब्तदाई चंद आयात इसी जगह पर नाज़िल हुई थीं) यह गार जबले नूर (नूर पहाइ) पर स्थित है।
मौलदुन्नबीः मरवह के करीब हुजूर अकरम सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम की पैदाइश की जगह है, इस जगह पर इन दिनों लाइब्रेरी है।
मस्जिदे जिनः जहाँ हुजूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जिन्नात को तबलीग फ़रमाई थी।
जन्नतुल मुअल्ला: मक्का मुकर्रमा का क़ब्रिस्तान।